हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत से अब तक 185 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 325 अन्य घायल हुए हैं। राजस्व विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, कांगड़ा में 37 लोगों की जान गई है, इसके बाद मंडी में 30, सोलन में 20 और शिमला जिले में 17 लोगों की जान गई है। इस साल हिमाचल में मानसून 27 जून को आगे बढ़ा था।
इस मानसून के दौरान अब तक कुल 103 लोगों की जान विभिन्न दुर्घटनाओं के कारण गई है, जिनमें दुर्घटनावश डूबना, बादल फटना, बिजली का झटका लगना और पेड़ों या चट्टानों से गिरना शामिल है। मानसून के दौरान अब तक करीब 100 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जबकि 200 से अधिक घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
27 जून से 8 अगस्त तक राज्य में बादल फटने या अचानक बाढ़ आने की 38 घटनाएं सामने आईं तथा 19 भूस्खलन की घटनाएं भी हुईं।
जल शक्ति विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, मानसून के दौरान 3,514 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। साथ ही, राज्य में मानसून के दौरान कुल 4,05,725 हेक्टेयर फसल क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है। करीब 3,098 बागवानी किसान प्रभावित हुए हैं।
इस बीच, शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित इलाकों में लापता लोगों की तलाश और बचाव अभियान जारी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के आंकड़ों के अनुसार, कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपखंड में 55 लोग लापता हैं, जो 31 जुलाई की रात को बादल फटने की घटनाओं से प्रभावित हुए थे। बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक 28 शव बरामद किए जा चुके हैं। सबसे ज्यादा नुकसान शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर स्थित समेज गांव को हुआ है, जहां करीब 18 लोग अभी भी लापता हैं।
अचानक बाढ़ की चेतावनी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और शिमला जिलों के लिए अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की, क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश जारी है।
मौसम विभाग ने कहा कि अगले 24 घंटों में अपेक्षित बारिश के कारण कुछ पूरी तरह से संतृप्त मिट्टी और निचले इलाकों में सतही अपवाह या जलभराव हो सकता है। इससे पहले दिन में कुल्लू जिले के लिए भी अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की गई थी।
राज्य के कई जिलों में शनिवार को भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी के शिमला कार्यालय के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक अधिकांश जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी रहेगा, क्योंकि राज्य में बारिश जारी रहने का अनुमान है।
भारी बारिश से कई हिस्से प्रभावित राज्य में 135 सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश हुई है, जिसके चलते भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण 135 सड़कें बंद हैं। राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश हुई है। शुक्रवार शाम से नाहन (सिरमौर) में सबसे अधिक 17 सेमी मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि नगरोटा सूरियां में 9.0 सेमी, जुब्बरहट्टी और कंडाघाट में 5.00 सेमी बारिश दर्ज की गई।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, बारिश के कारण 24 बिजली और 56 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।