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स्पोर्ट्स न्यूज: भारतीय पुरुषों और महिला टीम ने कंबोडिया की राजधानी पैनोम पेन्ह में 28 से 30 मार्च 2025 तक आयोजित पहले एशियाई पैरा थ्रूबॉल चैंपियनशिप में कांस्य जीता। इस प्रतियोगिता में …और पढ़ें

विजय राज चौधरी को पहले एशियाई पैरा थ्रुबल चैम्पियनशिप में कांस्य पदक मिला
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हाइलाइट
- भारतीय टीम ने एशियाई पैरा थ्रूबॉल में कांस्य पदक जीता
- विजय राज चौधरी ‘एशिया सीरीज़ बेस्ट प्लेयर’ बन गए
- राजस्थान के खिलाड़ियों ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
जालौर भारतीय पुरुषों और महिला टीम ने कंबोडिया की राजधानी पैनोम पेन्ह में 28 से 30 मार्च 2025 तक आयोजित पहले एशियाई पैरा थ्रूबॉल चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता। इस उपलब्धि के साथ, भारतीय टीम ने अंतर्राष्ट्रीय पैरा खेलों में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज की।
रानीवाड़ा के विजय राज चौधरी ‘सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी’ बन गए …।
भारतीय टीम के वाइस -कॉप्टेन विजय राज चौधरी, जो राजस्थान के जलोर जिले के गैंग गांव के गाँव गांव के निवासी हैं, ने प्रतियोगिता में सबसे अच्छा खेल किया। उन्हें अपने मजबूत प्रदर्शन के लिए ‘बेस्ट प्लेयर ऑफ एशिया सीरीज़’ का खिताब दिया गया।
भारतीय टीम का शानदार प्रदर्शन…
एशिया के विभिन्न देशों की टीमों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत दिखाते हुए, अर्ध -फाइनल की यात्रा की। हालांकि, एक कठिन मैच के बाद, टीम को फाइनल में जगह नहीं मिली, लेकिन भारतीय टीम ने कांस्य पदक के लिए खेले गए मैच में एक मजबूत जीत दर्ज की।
राजस्थान खिलाड़ियों की महत्वपूर्ण भूमिका…
राजस्थान के खिलाड़ियों ने भारतीय पुरुषों की टीम में एक विशेष भूमिका निभाई। रंजीत गुर्जर, करण सिंह, श्याम सिंह और प्रभु राम ने विजय राज चौधरी (वाइस -कपेपेन) के नेतृत्व में टीम को मजबूत किया। इसी समय, महिलाओं की श्रेणी में, राजस्थान के खिलाड़ी कमला रायगर, काका देवी, हेमलाता कुमारी, सुमन गुर्जर और ममता रायगर ने अच्छा प्रदर्शन किया और टीम के पदक प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
गैंग विलेज में उत्सव, विजय राज चौधरी के सम्मान की तैयारी…
विजय राज चौधरी की इस उपलब्धि ने उनके गाँव के गिरोह में खुशी की लहर को बढ़ा दिया। ग्रामीणों और परिवार के सदस्यों ने अपनी सफलता पर उत्साह व्यक्त किया। अब गाँव में उनके स्वागत और सम्मान के लिए तैयारी की जा रही है।
राजस्थान में खेल प्रतिभाओं में नया साहस है …
विजय राज चौधरी और अन्य खिलाड़ियों की इस उपलब्धि ने राजस्थान में पैरा खेलों के लिए नई ऊर्जा और प्रेरणा लाई है। उनके संघर्ष और कड़ी मेहनत की कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक हो गई है।