बहुप्रतीक्षित जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों से पहले, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री चौधरी जुल्फिकार अली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए, जिससे भगवा पार्टी की चुनावी संभावनाएं बढ़ गई हैं।
लगभग एक दशक के अंतराल के बाद, जम्मू और कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं – 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को। परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि पूर्व मंत्री और राजौरी-पुंछ से प्रमुख गुज्जर नेता चौधरी जुल्फिकार अली केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ और जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना की मौजूदगी में यहां पार्टी मुख्यालय में भाजपा में शामिल हुए।
पूर्व मंत्री और कभी पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के करीबी रहे अली 2020 में अपनी पार्टी में शामिल हो गए थे। वह जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।
शुक्रवार को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी एक तस्वीर ‘एक्स’ पर पोस्ट की। इसके बाद शाम को भाजपा ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि जुल्फिकार रविवार को पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं।
पेशे से वकील अली इससे पहले राजौरी जिले के दरहाल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और 2008 तथा 2014 के विधानसभा चुनावों में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के टिकट पर जीत हासिल की थी।
उन्होंने 2015 से 2018 तक महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया।
जून 2018 में बिगड़ते सुरक्षा परिदृश्य के कारण भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद गठबंधन सरकार गिर गई थी। इसके बाद, पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व में कई पीडीपी नेताओं ने 2020 में अपनी पार्टी बनाई, जिसके संस्थापक सदस्यों में अली भी शामिल थे।
अली के भाजपा में शामिल होने से राजौरी और पुंछ जिलों में राजनीतिक समीकरण भाजपा के पक्ष में झुकने की संभावना है, जहां गुज्जरों की अच्छी खासी आबादी है।
भाजपा प्रमुख रविंदर रैना ने कहा, “जुल्फिकार अली जम्मू-कश्मीर के बहुत बड़े राजनीतिक नेता हैं। हम उनका भाजपा में स्वागत करते हैं और उनके शामिल होने से भाजपा मजबूत होगी।”
चौधरी जुल्फिकार अली ने अपने भाषण में कहा, “भाजपा की नीतियां और योजनाएं कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति तक पहुंची हैं। इन्हीं बातों ने मुझे भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर किया। हर व्यक्ति को ‘सेहत कार्ड’ मिला, जिसे मेरे क्षेत्र के लोग ‘मोदी कार्ड’ कहते हैं… जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल हुई है, पत्थरबाजी खत्म हुई है, आम आदमी खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है और पर्यटन उद्योग बढ़ा है।”