30 जुलाई, 2024 09:42 पूर्वाह्न IST
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, दिल्ली के तकनीकी विशेषज्ञों की दो सदस्यीय टीम ने सोमवार को साइट का दौरा किया और 31 जुलाई तक अपने अधिकारियों से मंजूरी मिलने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
डिप्टी कमिश्नर (डीसी) विनय प्रताप सिंह द्वारा सेक्टर 8 में बिजली के ट्रांसफार्मर के संपर्क में आने से 17 वर्षीय लड़के की मौत की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश के नौ दिन बाद, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, दिल्ली के तकनीकी विशेषज्ञों की दो सदस्यीय टीम ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया।
टीम ने ट्रांसफॉर्मर, तारों का माप लिया और पीड़ित के संपर्क में आने के तरीके का ब्यौरा लिया। टीम ने स्थानीय बिजली विभाग से अर्थिंग का ब्यौरा भी मांगा। टीम 31 जुलाई तक अपने अधिकारियों से मंजूरी मिलने के बाद यूटी प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
सेक्टर 7 में रहने वाले मयंक नामक व्यक्ति यहां प्रवर्तन निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर का बेटा था। जब वह ट्रांसफार्मर के बगल में रेलिंग पार कर रहा था, तो वह उसके संपर्क में आ गया और करंट लगने से उसकी मौत हो गई।
पंजाब के निवर्तमान राज्यपाल और यूटी प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित के निर्देश पर डीसी विनय प्रताप सिंह ने 19 जुलाई को इस दुखद घटना की जांच के आदेश दिए। सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) सेंट्रल नवीन को दिल्ली से बिजली और बिजली के क्षेत्र के तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल करके 10 दिनों की अवधि में जांच करने और पूरी करने का जिम्मा सौंपा गया।
पुरोहित ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का प्रत्यक्ष आकलन किया था तथा मौत के कारण का पता लगाने, अधिकारियों की किसी भी चूक की पहचान करने तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सावधानियों की सिफारिश करने के लिए व्यापक जांच के निर्देश दिए थे।
प्रशासक ने बिजली ट्रांसफार्मरों के खुले और उजागर फ्यूजों पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी और इंजीनियरिंग विभाग को चंडीगढ़ में बिजली के ट्रांसफार्मरों और खंभों के आसपास के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे ताकि बिजली के कारण होने वाली मौतों के मामलों को रोका जा सके।
उन्होंने विद्युत मंत्रालय द्वारा निर्धारित सभी सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया।
पुरोहित ने सिविल और पुलिस प्रशासन को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने संबंधित विभाग के भीतर जवाबदेही तय करने की भी मांग की।
घटना के बाद एक कार्यकारी अभियंता और एक उप-मंडल अभियंता को जांच पूरी होने तक निलंबित कर दिया गया।