हरियाणा के प्रभारी कांग्रेस महासचिव दीपक बाबरिया ने रविवार को संकेत दिया कि पार्टी अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने की संभावना नहीं है।
हरियाणा में कांग्रेस द्वारा अगली सरकार बनाने पर आशा व्यक्त करते हुए बाबरिया ने कहा कि पार्टी की परंपरा है कि निर्वाचित विधायक पार्टी अध्यक्ष को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता तय करने के लिए अधिकृत करते हैं।
बाबरिया ने कहा, “कांग्रेस की परंपरा है कि मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक दल द्वारा किया जाता है या निर्वाचित विधायक कांग्रेस अध्यक्ष को निर्णय लेने के लिए अधिकृत करते हैं।” उनसे पूछा गया था कि क्या पार्टी भाजपा द्वारा यह घोषणा करने के बाद कि भगवा पार्टी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगी, इसके मद्देनजर अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचित विधायकों की इच्छा के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय करना एक बड़ा राजनीतिक निर्णय है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा (सिरसा सांसद) द्वारा लोकसभा टिकट आवंटन के संबंध में पार्टी हाईकमान को उचित फीडबैक नहीं देने के लिए उन पर उंगली उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “शैलजा हमारी पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं… अगर उन्हें मुझमें कोई कमी नजर आई है तो वह इसे हाईकमान के समक्ष उठा सकती हैं।”
उन्होंने कहा कि हरियाणा के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र आम आदमी केंद्रित होगा और पार्टी ने समाज के विभिन्न वर्गों से फीडबैक और सुझाव एकत्र करने की कवायद शुरू की है।
बाबरिया ने कहा, “पार्टी समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंच रही है और घोषणापत्र के लिए उनकी प्रतिक्रिया और सुझाव ले रही है। घोषणापत्र आम आदमी पर केंद्रित होगा।” उनके साथ हरियाणा कांग्रेस घोषणापत्र समिति की अध्यक्ष विधायक गीता भुक्कल भी थीं।
भुक्कल ने कहा कि पार्टी ने मुख्य घोषणापत्र समिति के तहत 17-18 उप-समितियां बनाई हैं। उन्होंने कहा, “हम एक अच्छा घोषणापत्र लाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे समाज के हर वर्ग को फायदा हो।”