अधिकारियों ने बताया कि खन्ना उप-मंडल मजिस्ट्रेट भूपिंदर मित्तल की अदालत ने अवैध हथियार रखने के एक मामले में जांच में खामियां पाए जाने के बाद मुकदमे का सामना कर रहे तीन आरोपियों को बरी कर दिया।
अदालत ने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष अपने मामले को ‘उचित संदेह से परे’ साबित करने में विफल रहा और संदेह का लाभ प्रतिवादी को मिलता है।
खन्ना पुलिस के जांच अधिकारी, सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) सुखदेव सिंह ने अपनी जिरह में कहा कि उन्होंने कभी भी कोई मुहर या कोई अन्य पहचान चिह्न नहीं लगाया, जिससे यह साबित हो सके कि पिस्तौल, रिवॉल्वर, मैगजीन और अन्य कारतूस आरोपियों से बरामद किए गए थे।
एएसआई अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि कथित रूप से बरामद सामान को उनके साक्ष्य दर्ज करने के समय वर्तमान मामले में केस प्रॉपर्टी के रूप में पेश नहीं किया गया था।
एएसआई मोहल लाल, जो कि बरामदगी का गवाह था, ने जिरह में स्वीकार किया कि उसने जिरह के समय केस संपत्ति नहीं देखी थी तथा जिरह के दिन उसे पेश भी नहीं किया गया था।
इसी प्रकार, एएसआई सतनाम सिंह (मुंशी, मालखाना) ने अपनी जिरह में स्वीकार किया कि उन्होंने आज तक कथित केस संपत्ति, जिसमें .32 बोर रिवॉल्वर और पिस्तौल, या वर्तमान मामले से संबंधित कोई कारतूस शामिल है, कभी नहीं देखा।
बयानों की जांच करते हुए अदालत ने पाया कि आरोपियों से कथित रूप से बरामद हथियार न तो अदालत में पेश किए गए और न ही रिकॉर्ड पर साबित किए गए।
अदालत ने कहा, “केस प्रॉपर्टी पेश न किए जाने की स्थिति में यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि आरोपियों से कोई हथियार बरामद हुआ है। केस प्रॉपर्टी पेश न किए जाने से अभियोजन पक्ष की कहानी संदिग्ध और संदेहास्पद हो जाती है।”
अदालत ने कहा, ‘‘खन्ना के सिटी-2 थाने के मालखाने की अदालती फाइल पर रजिस्टर 19 से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है, जिससे साबित हो कि एएसआई सुखदेव सिंह ने 2023 में केस प्रॉपर्टी उनके पास जमा कर दी थी।’’
अदालत ने कहा कि यह बात सामने आई है कि जिस समय पुलिस ने तीनों से हथियार बरामद करने का दावा किया था, उस समय स्वतंत्र गवाह मौजूद थे, लेकिन अभियोजन पक्ष ने उन्हें जांच में शामिल करने का कोई प्रयास नहीं किया।
एएसआई सुखदेव सिंह ने अदालत में स्वीकार किया कि उन्होंने जांच में किसी निजी व्यक्ति को शामिल करने का प्रयास नहीं किया।
खन्ना के सिटी 2 थाना पुलिस ने 21 जून 2023 को तीन आरोपियों सुखवीर सिंह उर्फ सुखी, चंदन उर्फ मुन्ना और प्रदीप सिंह, सभी खन्ना निवासी को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दो अवैध हथियार बरामद करने का दावा किया था।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई।