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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर ग्रीनफील्ड दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए लुधियाना और जालंधर में काम कर रहे अपने अधिकारियों और ठेकेदारों के कर्मचारियों की सुरक्षा संबंधी चिंताएं जताई हैं।
पंजाब के मुख्य सचिव को 5 अगस्त को भेजे गए अपने पत्र में एनएचएआई ने दो मामले उठाए और कहा कि जालंधर में कुछ ग्रामीणों ने उसके ठेकेदार के एक कर्मचारी पर बेरहमी से हमला किया और लुधियाना में दो लोगों ने ठेकेदार फर्म के निदेशक को धमकाया। एनएचएआई लुधियाना-मोगा रोड के मुल्लांपुर दाखा के पास जंक्शन से कंग साहिबू गांव के पास जालंधर-मोगा रोड के जंक्शन तक चार लेन वाले ग्रीनफील्ड दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहा है।
एनएचएआई ने कहा है कि विभिन्न ठेकेदार कंपनियों ने परियोजना को बीच में ही छोड़ने की इच्छा व्यक्त की है।
चंडीगढ़ में एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है, “यह रेखांकित किया गया है कि पंजाब राज्य में ठेकेदार इन बार-बार की घटनाओं के कारण सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और ठेकेदार पंजाब राज्य में कानून और व्यवस्था की समस्याओं के कारण एनएच परियोजनाओं को अधूरा छोड़ सकते हैं।”
एनएचएआई ने राज्य के मुख्य सचिव से आग्रह किया कि वे संबंधित अधिकारियों को एनएचएआई अधिकारियों और ठेकेदार इंजीनियरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करने और उपद्रवियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दें।
एनएचएआई द्वारा जालंधर के डिप्टी कमिश्नर को लिखे गए एक अन्य पत्र के अनुसार, पिछले महीने 20 जुलाई को फतेहपुर नूरमहल गांव के पास भूमि अधिग्रहण के लिए ड्यूटी पर तैनात एक कर्मचारी पर हमला किया गया था।
एनएचएआई ने ढाका पुलिस पर आरोप लगाया कि ठेकेदार कंपनी एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के लिए काम करने वाली श्री बालाजी ट्रेडिंग कंपनी द्वारा पैसे के विवाद को लेकर धमकाने की शिकायत के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। गौरतलब है कि मामले में ठेकेदार कंपनी के दफ्तर में उत्पात मचाने वाले आरोपियों का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।
एनएचएआई ने अपने पत्र में कहा कि लुधियाना में उपद्रवियों ने “परियोजना शिविर और उसके कर्मचारियों को जिंदा जलाने” की धमकी दी।
पत्र में कहा गया है कि ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) ठेकेदार ने स्थानीय कंपनी को दिया गया काम उसके ‘अनैतिक और गैरपेशेवर व्यवहार’ के कारण समाप्त कर दिया।
एनएचएआई ने कहा, “यह अनुरोध किया जाता है कि ठेकेदार, उसके कर्मचारियों और परियोजना शिविर में किसी भी दुर्घटना और अप्रिय घटना से बचने के लिए तत्काल आवश्यक पुलिस सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। संबंधित अधिकारियों को इसके लिए निर्देश देने और पुलिस/जिला प्रशासन को दोषियों/उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया जाता है।”
एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के एजीएम (लाइज़िंग) ब्रिजेश कुमार ने आरोप लगाया कि उन्हें शुरू से ही कानून और व्यवस्था की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “मेरी कंपनी मलेरकोटला से गुरदासपुर जिले तक अलग-अलग खंडों पर काम कर रही है, लेकिन मौजूदा हालात हमें दूसरी कंपनियों की तरह प्रोजेक्ट छोड़ने पर विचार करने पर मजबूर कर रहे हैं।”
उन्होंने दावा किया कि उनके कर्मचारी अपनी जान को लेकर भयभीत हैं तथा कहा कि कंपनी ने लगभग 50% काम पूरा कर लिया है तथा परियोजना को पूरा करने के लिए उन्हें सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
दाखा पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर केएस धालीवाल ने बताया कि श्री बालाजी ट्रेडिंग कंपनी के संदीप शर्मा और मनीष गोदारा ने प्रोजेक्ट के तहत मटेरियल सप्लाई करने का ठेका लिया था। उन्होंने बताया, “उनका कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ पैसों का विवाद था। दोनों पक्षों में बहस हुई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 351 (2) (आपराधिक धमकी), 79 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द, हाव-भाव या हरकत करना), 191 (3) (दंगा करना, जानलेवा हथियार से लैस होना) और 190 (उस सभा के सामान्य उद्देश्य के लिए गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना) के तहत मामला दर्ज किया है।” उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
एनएचएआई के पत्र के बाद मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने 6 अगस्त को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव को पत्र लिखकर एनएचएआई अधिकारियों और ठेकेदारों के कर्मियों की सुरक्षा के लिए एफआईआर दर्ज करने और आवश्यक कार्रवाई करने को कहा।
डीजीपी को लिखे पत्र में वर्मा ने कहा, “यह बहुत गंभीर मामला है। आपसे अनुरोध है कि संबंधित अधिकारियों को दोषियों/उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दें। आपसे यह भी अनुरोध है कि एनएचएआई अधिकारियों और ठेकेदारों के कर्मियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दें।”
पीटीआई से इनपुट्स सहित