संसद की स्थायी समितियों का गठन गुरुवार को किया गया। राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में समितियों की अधिसूचना की घोषणा की गई। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को रक्षा संबंधी समिति और भारतीय जनता पार्टी की सांसद कंगना रनौत को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति का सदस्य बनाया गया है। भाजपा के भर्तृहरि महताब वित्त संबंधी प्रमुख समिति की अध्यक्षता करेंगे, जबकि कांग्रेस के शशि थरूर विदेश मामलों संबंधी समिति की अध्यक्षता करेंगे।
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम किसी भी समिति में नहीं है। टीडीपी और जनता दल (यूनाइटेड) जैसे प्रमुख भाजपा सहयोगी दलों के अलावा चुनावी राज्य महाराष्ट्र में उसके सहयोगी शिवसेना और एनसीपी एक-एक समिति का नेतृत्व करेंगे।
रक्षा संबंधी संसदीय समिति
पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह रक्षा संबंधी समिति की अध्यक्षता करेंगे। राहुल गांधी रक्षा संबंधी समिति के सदस्य हैं।
संसदीय समिति गृह मामले
गृह मामलों संबंधी पैनल की अध्यक्षता भाजपा सदस्य राधा मोहन दास अग्रवाल करेंगे।
अनुराग ठाकुर, राजीव प्रताप रूडी को समितियों में मिली भूमिका
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और राजीव प्रताप रूडी को क्रमशः कोयला, खान एवं इस्पात तथा जल संसाधन संबंधी समितियों की अध्यक्षता दी गई है।
संसदीय समितियों में भाजपा सहयोगी
एनसीपी के एकमात्र लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस संबंधी समिति की अध्यक्षता करेंगे, जबकि शिवसेना के श्रीरंग अप्पा बारने ऊर्जा संबंधी समिति की अध्यक्षता करेंगे। जेडी(यू) के संजय झा परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी समिति की अध्यक्षता करेंगे। टीडीपी सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी आवास और शहरी मामलों संबंधी समिति की अध्यक्षता करेंगे।
निशिकांत दुबे ने शशि थरूर की जगह ली है
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिसकी सदस्य अभिनेत्री से नेता बनी रनौत भी हैं।
पिछली लोकसभा में दुबे का थरूर से टकराव चल रहा था, जो आईटी समिति के पैनल के अध्यक्ष थे। 2022 में थरूर को इस महत्वपूर्ण समिति के अध्यक्ष के रूप में बदल दिया गया।
कृषि पर पैनल में चरणजीत सिंह चन्न
कांग्रेस सदस्य चरणजीत सिंह चन्नी और सप्तगिरि उलाका को क्रमशः कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण, तथा ग्रामीण विकास और पंचायती राज समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है।
डीएमके के तिरुचि शिवा और के. कनिमोझी क्रमशः उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण संबंधी समितियों की अध्यक्षता करेंगे।
स्थायी समितियों का क्या महत्व है?
विभाग-संबंधी स्थायी समितियां, जिनमें सभी दलों का प्रतिनिधित्व होता है, लघु संसद के रूप में कार्य करती हैं तथा विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज पर नजर रखती हैं।
यह भी पढ़ें: हिमाचल सरकार ने भोजनालयों के आदेश पर लिया यू-टर्न, कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को फटकार लगाई