सर्व खाप पंचायत ने रविवार को यहां नांदल भवन में पहलवान विनेश फोगट को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया। कुछ दिन पहले ही वह वजन परीक्षण में विफल होने के कारण ओलंपिक पदक से चूक गई थीं।
सभा को संबोधित करते हुए पहलवान विनेश फोगाट ने पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान तथा पेरिस ओलंपिक से अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्हें सम्मान देने तथा समर्थन देने के लिए खापों का धन्यवाद किया।
विनेश ने यह भी दोहराया कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगी।
उन्होंने कहा, “पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान आपने जिस तरह हमारा समर्थन किया, उसे मैं भूल नहीं सकती। मैंने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा था कि मुझे इतनी शानदार प्रतिक्रिया मिलेगी। मुझे लगा था कि पदक जीतने के बाद भी लोग हमें भूल जाएंगे, लेकिन आपने प्यार और भावनाओं की बौछार करके मुझे गलत साबित कर दिया। मैं आपसे अपनी बेटियों का समर्थन करने का आग्रह करती हूं और वे निश्चित रूप से हर कदम पर आपको सही साबित करेंगी।”
फोगाट ने अपनी मां को भी धन्यवाद दिया।
मनु भाकर का उनके गांव में स्वागत
निशानेबाज मनु भाकर का झज्जर में उनके पैतृक गांव गोरिया में भव्य स्वागत किया गया।
गांव पहुंचने पर उनका स्वागत फूलमालाओं से किया गया। वह अपने गांव के स्कूल भी गईं। इस अवसर पर बोलते हुए भाकर ने गांव में एक स्टेडियम और शूटिंग रेंज बनाने की वकालत की।
भाकर स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलंपिक खेलों में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट हैं।
ग्रामीणों द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में झज्जर के उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह और रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल हुए।
भाकर ने बताया कि उन्होंने अपने पैतृक गांव गोरिया से अपनी यात्रा शुरू की है और उन्हें स्कूल, परिवार और जिला अधिकारियों से सहयोग मिला है। उनके साथ उनके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य भी थे।
उन्होंने कहा, “जीवन में आपको कई लोगों के समर्थन की ज़रूरत होती है और सफलता का श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता। मैं लाइसेंस संबंधी समस्या का सामना कर रही थी, लेकिन जिला अधिकारियों ने इसे जल्दी से सुलझा लिया और वहाँ से मैंने एक शूटर के रूप में सुधार करना शुरू कर दिया।”
रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा ने पांच ओलंपिक पदक जीतने में योगदान दिया है और इसका श्रेय भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली पूर्व कांग्रेस सरकार को जाता है, जिसने बुनियादी ढांचे में सुधार किया और पदक जीतने के बाद खिलाड़ियों को नौकरी देकर उनका मनोबल बढ़ाया।
उन्होंने कहा, ‘‘पदक तभी मिल सकते हैं जब खिलाड़ियों को सम्मान, उचित प्रोत्साहन, बुनियादी ढांचा, उनके भविष्य की सुरक्षा और प्रतिभा खोज नीति लागू की जाए।’’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि अगर उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में सत्ता में आती है तो वे यहां एक स्टेडियम और शूटिंग रेंज बनवाएंगे।