हिमाचल प्रदेश विधानसभा का दो सप्ताह का मानसून सत्र मंगलवार को हंगामेदार तरीके से शुरू हुआ, जब विपक्षी भाजपा ने राज्य में कथित रूप से बिगड़ती कानून व्यवस्था पर अपने स्थगन प्रस्ताव को खारिज किये जाने के बाद सदन से बहिर्गमन किया।
पूर्व विधायकों – टेक चंद डोगरा, नारायण सिंह स्वामी और दौलत चौधरी को श्रद्धांजलि दिए जाने के तुरंत बाद, विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से “बिगड़ती” कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव की अनुमति देने का आग्रह किया।
स्थगन प्रस्ताव को खारिज करते हुए पठानिया ने कहा कि इस मामले को नियम 130 (नीति, स्थिति, बयान, रिपोर्ट या किसी अन्य मामले पर विचार करने का प्रस्ताव) के तहत उठाया जा सकता है, जिसके बाद भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
ठाकुर ने कहा कि बद्दी में 15 लोगों ने लाठियों से तीन लोगों की पिटाई की जिसमें एक की मौत हो गई, पालमपुर में एक युवती पर हमला कर उसे घायल कर दिया गया, बिलासपुर में पूर्व कांग्रेस विधायक के बेटे पर गोलीबारी की गई तथा बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में माफिया राज कायम है, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर चर्चा नहीं कर रही है।
हाल ही में बद्दी क्षेत्र में दो गिरोहों के बीच संघर्ष हुआ था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 20 अप्रैल को कांगड़ा जिले के पालमपुर बस स्टैंड के निकट एक व्यक्ति ने 21 वर्षीय महिला पर धारदार हथियार से हमला कर दिया था।
बिलापपुर गोलीबारी मामले में पुलिस जांच में पता चला है कि पूर्व कांग्रेस विधायक बंबर ठाकुर के बड़े बेटे पुरंजन ठाकुर ने कथित तौर पर पंजाब से शूटर को किराये पर बुलाया था। इस गोलीबारी में 20 जून को जिला अदालत के बाहर दिनदहाड़े एक युवक पर गोलियां चलाई गई थीं।
सदन में भाजपा के रणधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि पहली बार कांग्रेस के पूर्व विधायक के बेटे ने पंजाब से शूटर को बुलाया है, जबकि स्कूल में लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हैं। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि अपराध तीन गुना बढ़ गए हैं, लेकिन सरकार अभी भी इस पर गंभीर नहीं है।
मामले में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नियम 67 (स्थगन प्रस्ताव) के तहत केवल जरूरी मुद्दों पर चर्चा की जाती है, लेकिन विपक्ष हरियाणा के एक गिरोह और नशा कारोबार में शामिल एक अन्य गिरोह के बीच गैंगवार पर चर्चा की मांग कर रहा है।
सुक्खू ने कहा, ‘‘वर्तमान में प्राकृतिक आपदा एक गंभीर मुद्दा है और यदि भारी बारिश के कारण हुए नुकसान पर चर्चा की जाती तो हम इस पर सहमत होते।’’
उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक के बेटे को कुछ ही घंटों में सलाखों के पीछे भेज दिया गया और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कानून-व्यवस्था एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन इस पर स्थगन प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता और इस पर नियम 130 के तहत चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भाजपा खबर बनाना चाहती है और इसलिए उसने सदन से बहिर्गमन का प्रस्ताव लाया है।
उन्होंने कहा, “हम कानून व्यवस्था पर भी चर्चा चाहते हैं क्योंकि महिला कांग्रेस भाजपा विधायक के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी और मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत की किसानों के खिलाफ टिप्पणी से कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है।”
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी गैंगवार पर स्थगन प्रस्ताव लाने के लिए भाजपा का उपहास उड़ाया और कहा कि राजनीतिक पार्टी का इससे बड़ा दिवालियापन क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में कसौली में एक अधिकारी को गोली मार दी गई थी, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ गई थी।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 40 सीटें जीती थीं और उपचुनावों के बाद उसकी ताकत फिर से 40 तक पहुंच गई है, जिससे भाजपा के पेट में दर्द हो रहा है।