कोलकाता, प्रोपेगेंडा फिल्में बनाने के आरोप में घिरे निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि उन्हें अपना विषय चुनने की स्वतंत्रता है।
अग्निहोत्री की 2022 की फ़िल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ उत्तर भारतीय राज्य से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन को दर्शाती है, जब समुदाय के सदस्यों को आतंकवादियों द्वारा मार दिया गया था। उनकी 2019 की फ़िल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ 1966 में उज्बेकिस्तान में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमयी मौत के इर्द-गिर्द घूमती है।
अग्निहोत्री ने पीटीआई को बताया कि उनकी आगामी फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अविभाजित बंगाल के हिंसक इतिहास पर केंद्रित होगा, जिसमें 1946 के नोआखली दंगों, मुस्लिम लीग, कांग्रेस, महात्मा गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना का संदर्भ होगा।
उन्होंने कहा, “कुछ लोग पूछ रहे हैं कि विवेक अग्निहोत्री पूर्वोत्तर क्षेत्र की स्थिति पर फिल्म क्यों नहीं बना रहे हैं। यहां बहुत सारे फिल्म निर्माता हैं। उनमें से किसी को भी यह काम करने दीजिए। मुझे अपना विषय चुनने दीजिए। क्या मैं अपने द्वारा चुने गए मुद्दे के बारे में जागरूकता पैदा नहीं कर सकता।”
‘वैक्सीन वॉर’ के निर्देशक बुधवार को यहां सरकारी आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में आयोजित एक रैली में भाग लेने के लिए कोलकाता आए थे।
उन्होंने कहा, “भारत में बहुत सारी महिला सांसद हैं। वे ऐसी घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन क्यों नहीं कर रही हैं, वे सड़क पर क्यों नहीं बैठती हैं? आप राजनेताओं पर भरोसा नहीं कर सकते। भारत को राजनेताओं ने बर्बाद कर दिया है।”
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह देश के नागरिक के तौर पर रैली में शामिल होना चाहते हैं और प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त करना चाहते हैं, लेकिन वह इस वीभत्स घटना पर कोई फिल्म नहीं बनाएंगे।
फिल्म निर्माता ने कहा, “मेरी एक बेटी और एक बहन है। मैं इस मुद्दे का व्यावसायिक कारणों से फायदा नहीं उठाना चाहता। राजनेताओं को ऐसा करने दीजिए। वे गिद्धों की तरह हैं।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उनकी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की आलोचना पर उन्होंने कहा कि यह “अनुचित” था।
अग्निहोत्री ने कहा कि बनर्जी ने सोचा होगा कि यह मुस्लिम विरोधी फिल्म है लेकिन यह सच नहीं है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स’ के लिए उनकी टीम के शोध को रोकने की कोशिश की।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मैं कोई राजनेता नहीं हूं। मैं एक फिल्म निर्माता हूं। मेरा काम एफआईआर दर्ज करना नहीं है। मैं अदालत नहीं जा सकता।” अग्निहोत्री ने कहा कि वह “जनता की अदालत” में जाने में विश्वास करते हैं।
निर्देशक ने कहा कि वह बचपन में पश्चिम बंगाल में थे।
अग्निहोत्री ने कहा, “मैं चार हस्तियों – स्वामी विवेकानंद, श्री अरबिंदो, लेखक शरतचंद्र चट्टोपाध्याय और बाद में फिल्म निर्माता सत्यजीत रे के कार्यों से प्रेरित रहा।”
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