भारतीय रेलवे अधिकारियों पर अपशिष्ट प्रबंधन उपायों में ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए स्थानीय स्वशासन मंत्री एमबी राजेश ने कहा कि अतीत में भी रेलवे ने रेलवे अधिनियम का इस्तेमाल कर सरकार या निगम को अपने परिसर में सफाई कार्य करने से रोका था।
सोमवार को यहां तिरुवनंतपुरम निगम की महापौर आर्य राजेंद्रन के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष, दो पूर्व केंद्रीय मंत्री और मीडिया का एक वर्ग सफाई कर्मचारी जॉय की मौत के लिए राज्य सरकार और निगम को दोषी ठहराने में जल्दबाजी कर रहा है, जबकि रेलवे को सभी जिम्मेदारियों से बचा रहा है।
राजेश ने बताया कि इस साल 31 जनवरी को अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) ने तिरुवनंतपुरम और पलक्कड़ डिवीजन के डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) को पत्र भेजकर अपने परिसर में उचित कचरा प्रबंधन के लिए कदम उठाने को कहा था। तिरुवनंतपुरम डिवीजन ने इस पत्र का जवाब नहीं दिया। 1 अप्रैल को एसीएस ने दोनों डीआरएम को बैठक के लिए बुलाया भी था, लेकिन उन्होंने जूनियर अधिकारियों को भेज दिया। इस बैठक में रेलवे को कार्रवाई योग्य 20 बिंदु दिए गए थे।
मंत्री ने कहा, “इसके बाद, तिरुवनंतपुरम निगम ने 7 मई को रेलवे को अपने परिसर में कचरे को साफ करने के लिए कदम उठाने के लिए एक नोटिस जारी किया। 17 मई को एक और नोटिस जारी किया गया, लेकिन दोनों नोटिसों का कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद, महापौर और निगम सचिव ने मुझे इस मुद्दे से अवगत कराया। मेरे निर्देश के आधार पर ही उन्होंने 19 जून को एक और सख्त नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि अगर कचरे पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो रेलवे अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जाएगा। इस नोटिस के बाद ही रेलवे ने एक ठेकेदार को काम पर रखा, जिसने इस काम के लिए तीन कर्मचारियों को नियुक्त किया। इस बात की जांच की जानी चाहिए कि क्या ठेकेदार के पास पर्याप्त अनुभव था या नहीं या उन्होंने कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए थे या नहीं।”
उन्होंने कहा कि रेलवे लाइनों के नीचे सुरंग के अंदर पत्थर की तरह जमा हुआ कचरा इसकी कचरा प्रबंधन प्रक्रियाओं पर सवाल उठाता है। उसे यह बताना चाहिए कि उसके पास ठोस अपशिष्ट उपचार संयंत्र है या मल कीचड़ उपचार संयंत्र। श्री राजेश ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय ने 6 जुलाई को टिप्पणी की थी कि रेलवे एक बड़ा कचरा उत्पादक है और इसकी ढिलाई के लिए इसकी आलोचना की थी।
मंत्री ने कहा कि राज्य भर में उचित कचरा प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए अगले छह महीनों में सख्त कदम उठाए जाएंगे। नहरों में जमा कचरे पर, खासकर उस जगह के पास जहां से सोमवार को जॉय का शव निकाला गया था, सुश्री राजेंद्रन ने कहा कि निगम ने प्लास्टिक कचरे को बड़े जल निकायों में बहने से रोकने के लिए सत्रह बिंदुओं पर प्लास्टिक फिशर लगाए हैं। इन बिंदुओं से समय-समय पर प्लास्टिक कचरे को हटाया जाता है। उन्होंने कहा कि जिस स्थान से शव निकाला गया था, वह भी ऐसा ही एक स्थान था।