जालंधर पुलिस ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में लोगों को ठगने वाले एक बहु-राज्य बैंक चेक धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से कई चेक, पासबुक, एटीएम कार्ड और एक कार जब्त की गई है।
पुलिस आयुक्त स्वप्न शर्मा ने बताया कि शहर निवासी अशोक सोबती ने शिकायत की है कि उन्होंने कुछ महीने पहले बैंक ऑफ बड़ौदा में दो चेक जमा किए थे, जिन्हें कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने बैंक से ‘चुरा लिया’ और उनके साथ छेड़छाड़ कर अपने खातों में पैसा जमा करा लिया।
1 मई को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (जाली दस्तावेज बनाने), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों को असली के रूप में उपयोग करना), 380 (चोरी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
शर्मा ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों और मानवीय खुफिया जानकारी के आधार पर दीपक ठाकुर, अरुण, मोहित और हनी के रूप में पहचाने गए चार संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित किया। बाद में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा, एक अन्य संदिग्ध गुरदित्ता सिंह को भी पकड़ा गया। आरोपियों ने फर्जी पहचान पत्र बनाए और विभिन्न बैंकों में कई बैंक खाते खोले।
“इन खातों में कुल 61 ट्रांजेक्शन (क्रेडिट एंट्री) हुए। जांच के दौरान पुलिस ने 19 फर्जी बैंक खाते फ्रीज किए। रामा मंडी और डिवीजन नंबर 3 थाने में दर्ज तीन अन्य मामले भी इन आरोपियों से जुड़े हैं।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि आरोपी बैंक कर्मचारियों से मनगढ़ंत कहानियां सुनाते थे कि उन्होंने उनके ड्रॉप बॉक्स में गलती से चेक डाल दिया है। आरोपी भारी रकम वाले चेक ले लेते थे। वे चेक को स्कैन करके उसमें अपना बैंक खाता नंबर जोड़ देते थे।
उन्होंने कहा, ‘हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे इतनी जल्दी यह सब कैसे कर पाए।’ शर्मा ने कहा कि दीपक ठाकुर गिरोह का सरगना है, जो पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में चेक से छेड़छाड़ करके और विक्रम बजाज और मोनू सैनी के नाम से अपने बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाकर सक्रिय रूप से शामिल रहा है।
उन्होंने बताया कि उनके पास से 19 पासबुक, 17 चेक बुक और अलग-अलग बैंकों के 44 एटीएम कार्ड, चेक से छेड़छाड़ करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला तरल पदार्थ, पेन और एक कार जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर JK02-DF-8437 है, जब्त की गई है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि दीपक और मोहित के खिलाफ पहले से ही दो मामले लंबित हैं, जबकि अरुण के खिलाफ एक मामला लंबित है। उन्होंने बताया कि आगे की जांच की जा रही है और बाद में और जानकारी साझा की जाएगी।