जालंधर ग्रामीण पुलिस ने अंकुश भाया गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक पुलिस कांस्टेबल भी शामिल है, जिनके संबंध बड़े आपराधिक गिरोहों – गोल्डी बराड़, हरविंदर सिंह रिंदा, विक्रम बराड़ और रवि बलाचोरिया से हैं।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान अंकुश सभरवाल उर्फ भया, उनके भाई पंकज सभरवाल, विशाल सभरवाल, हरमनप्रीत सिंह, जसकरण सिंह पुरेवाल, आर्यन सिंह (पुलिस कांस्टेबल) और रूपेश कुमार, सभी नकोदर के निवासी हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरकमल प्रीत सिंह खख ने कहा कि पुलिस टीमों को एक विश्वसनीय सूचना मिली थी, इसलिए मलहरी गांव के पास एक चौकी स्थापित की गई, जहां एक कार (पीबी-08-ईजेड-2018) को रोका गया। कार सवार भारी हथियारों से लैस पाए गए और उनके पास 1,000 अल्प्राजोलम नशीली गोलियां थीं। अभियान के दौरान जब्त किए गए अवैध हथियारों के जखीरे में चार पिस्तौलें शामिल थीं – दो .30 बोर पिस्तौल, एक .32 बोर पिस्तौल और एक .315 बोर देशी पिस्तौल – साथ ही सात जिंदा कारतूस।
एसएसपी खख ने कहा, “पुलिस ने होशियारपुर में बैंक डकैती और प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्य की हत्या तथा नकोदर और मेहतपुर में दो अन्य व्यक्तियों की हत्या की गिरोह की योजना को विफल कर दिया है।”
पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व एसपी (जांच) जसरूप कौर बठ ने किया, जिसमें डीएसपी (जांच) लखवीर सिंह की देखरेख में सीआईए स्टाफ इंचार्ज पुष्प बाली और सिटी थाना एसएचओ संजीव कपूर के नेतृत्व में दो पुलिस टीमें शामिल थीं।
खख ने कहा कि कार के मालिक, जिनकी पहचान रूपेश और आर्यन सिंह के रूप में हुई है, ने आरोपियों को रसद सहायता और आश्रय प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, इन व्यक्तियों ने कथित तौर पर संदिग्धों की ओर से हथियार और अवैध पदार्थों के भंडारण की सुविधा प्रदान की।
नकोदर सदर पुलिस स्टेशन के कांस्टेबल आर्यन सिंह को गिरोह को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आर्यन डेढ़ महीने से अधिक समय से ड्यूटी से अनुपस्थित था। पुलिस के अनुसार, सिपाही पुलिस ऑपरेशन के गुप्त विवरणों का खुलासा करने और गैंगस्टरों को रसद सहायता प्रदान करने में शामिल था।
खख ने बताया कि गिरोह का सरगना अंकुश विदेशी अपराधी लवप्रीत सिंह उर्फ लाडी और जेल में बंद गैंगस्टर रवि बलाचोरिया से जुड़ा हुआ है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी हिस्ट्रीशीटर हैं और उनके खिलाफ कई थानों में लूट, डकैती और हत्या के प्रयास के कई मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा, “ये रिकॉर्ड इस गिरोह के संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी और हिंसक गतिविधियों में लंबे समय से शामिल होने का सबूत देते हैं।”
मामला बीएनएस की धारा 111, 61(2) तथा आर्म्स एक्ट और एनडीपीएस एक्ट की अन्य धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
एसएसपी के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्तियों को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा और स्थानीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक नेटवर्क की जांच के लिए उनकी पुलिस रिमांड मांगी जाएगी।
पुलिस ने इस मामले में दो अन्य लोगों – करण सभरवाल उर्फ कन्नू और नकोदर निवासी दलबीर सिंह को नामजद किया है।