पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने शुक्रवार को बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ के साथ बैठक के बाद अपनी सामूहिक छुट्टी स्थगित करने की घोषणा की।
चंडीगढ़ में हुई बैठक में विद्युत सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
चर्चा में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई तथा प्रबंधन द्वारा कुछ परिपत्र जारी किए गए।
कर्मचारी मुआवजे सहित 15 मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। ₹ड्यूटी पर मृत नियमित कर्मचारियों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये की सहायता, ड्यूटी के दौरान घातक दुर्घटनाओं में मारे गए कर्मचारियों को शहीद का दर्जा तथा घायल कर्मचारियों को कैशलेस उपचार की सुविधा।
बैठक के बाद प्रबंधन ने चार प्रमुख मांगों को संबोधित करते हुए परिपत्र जारी किए: मूल वेतन के 5% तक विस्थापन भत्ते में संशोधन, कठिनाई भत्ता, समूह III कर्मचारियों के लिए वेतन बैंड, और अग्रिम पदोन्नति लाभ के रूप में वेतन वृद्धि।
तकनीकी सेवा संघ के अध्यक्ष रतन मुजारी ने कहा, “मैं अपने सभी साथी कर्मचारियों को बधाई देता हूं जिन्होंने आंदोलन में योगदान दिया। मैं आम लोगों की ओर से माफी मांगता हूं, जिन्हें हड़ताल का खामियाजा भुगतना पड़ा।”
शिकायतों का अंबार
पीएसपीसीएल के मुख्य अभियंता जगदेव सिंह हंस के अनुसार, लुधियाना सेंट्रल जोन में गुरुवार आधी रात से शुक्रवार शाम तक करीब 1,597 शिकायतें प्राप्त हुईं। उन्होंने कहा कि इनमें से करीब 800 का समाधान कर दिया गया है।
पंजाब राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष गुरप्रीत महदूदन ने आरोप लगाया, “गुरुवार आधी रात को तकनीकी कर्मचारियों के आंदोलन में शामिल होने के बाद, विभाग लिपिक और अन्य कार्यालय कर्मचारियों को मरम्मत का काम सौंप रहा है, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ रही है।”
उन्होंने कहा, “जो लोग स्विच भी नहीं चला सकते, उनसे हाई टेंशन तारों से निपटने को कहा जाता है।”
21 अगस्त से नियमित कर्मचारी, लिपिकीय और तकनीकी दोनों, ‘काम-कर-नियमित’ हड़ताल पर हैं, जिसके तहत उन्होंने अपने मूल कर्तव्यों के अलावा कोई अन्य कार्य करने से इनकार कर दिया है।
ऋषिका कृति
लुधियाना@hindustantimes.com
लुधियाना, 13 सितंबर, 2024: पीएसपीसीएल कर्मचारियों ने 13 सितंबर को हुई सफल बैठक के बाद अपनी सामूहिक छुट्टी हड़ताल स्थगित करने की घोषणा की है। यह बैठक चंडीगढ़ में बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ के नेतृत्व में हुई, जिसमें बिजली सचिव ने उपस्थित होकर आंदोलनरत कर्मचारियों के ज्वलंत मुद्दों को संबोधित किया।
चर्चा में विभिन्न कर्मचारी मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसके परिणामस्वरूप प्रबंधन द्वारा कुछ परिपत्र जारी किए गए।
कर्मचारी मुआवजे सहित 15 महत्वपूर्ण मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। ₹मृतक नियमित कर्मचारियों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये की सहायता, ड्यूटी के दौरान घातक दुर्घटनाओं में मृतक कर्मचारियों को मातृछाया का दर्जा तथा घायल कर्मचारियों को कैशलेस उपचार की सुविधा प्रदान की जाएगी।
शुक्रवार शाम को हुई बैठक के बाद प्रबंधन ने चार प्रमुख मांगों को संबोधित करते हुए परिपत्र जारी किए: विस्थापन भत्ते में संशोधन मूल वेतन के 5% तक, कठिनाई भत्ते में संशोधन, समूह 3 कर्मचारियों के लिए वेतन बैंड में संशोधन, और अग्रिम पदोन्नति लाभों की प्रकृति में वृद्धि। नतीजतन, तकनीकी सेवा संघ ने हड़ताल को अस्थायी रूप से स्थगित करने का फैसला किया है।
तकनीकी सेवा संघ के अध्यक्ष रतन मुजारी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा, “मैं अपने सभी साथी कर्मचारियों को बधाई देता हूं जिन्होंने आंदोलन में योगदान दिया। मैं उन आम लोगों से भी माफ़ी मांगता हूं जिन्होंने हड़ताल का खामियाजा भुगता है, क्योंकि हमें अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करना ही पड़ता है।”