रवनीत सिंह बिट्टू | फोटो साभार: पीटीआई
पंजाब के रेल एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर पंजाब के सीमावर्ती जिलों के उद्योग और किसानों के लिए विशेष प्रोत्साहन की मांग की।
श्री बिट्टू के कार्यालय से जारी एक प्रेस बयान में कहा गया है, ‘‘बुधवार देर रात आयोजित एक मैराथन बैठक में पंजाब के मुद्दों को उठाते हुए, माननीय मंत्री ने माननीय वित्त मंत्री से आग्रह किया कि सीमावर्ती राज्य होने के नाते पंजाब की मांगों पर प्राथमिकता से विचार किया जाए।’’
बयान में कहा गया कि मंत्री ने पंजाब के सीमावर्ती जिलों अमृतसर, फिरोजपुर, गुरदासपुर और तरनतारन के लिए विशेष प्रोत्साहन की मांग की ताकि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों की तरह निवेश और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सके।
विज्ञप्ति में कहा गया है, “माननीय मंत्री ने वित्त मंत्री को बताया कि प्रमुख क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना (सीएलसीएसएस) को 1,00,00.000 की सीमा के साथ फिर से शुरू किया जाना चाहिए, क्योंकि तकनीकी प्रगति हासिल करने में एमएसएमई का समर्थन करने वाली प्रभावी योजनाओं का अभाव है।”
इसमें कहा गया है, “पूंजीगत लागत में हाल की वृद्धि के मद्देनजर, यह वांछित है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत सीमा को बढ़ाकर 1,00,00,000 कर दिया जाए।”
श्री बिट्टू के कार्यालय के अनुसार, मंत्री ने श्री सीतारमण को पंजाब में एमएसएमई को कवर करने के लिए माल ढुलाई सब्सिडी मानदंडों में संशोधन का भी सुझाव दिया।
विज्ञप्ति में कहा गया है, “वित्त मंत्री को इस तथ्य से अवगत कराया गया कि भारत में निकटतम बंदरगाह तक माल पहुंचाने की परिवहन लागत तटीय राज्यों की तुलना में पंजाब जैसे भूमि से घिरे राज्यों के लिए बहुत अधिक है। लागत संबंधित राज्य से निकटतम बंदरगाह की दूरी पर भी निर्भर करती है।”
इसमें कहा गया है, “जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के कुछ हिस्से और पश्चिम बंगाल जैसे कई अन्य राज्य 50 से 90 प्रतिशत तक परिवहन सब्सिडी का लाभ उठा रहे हैं।”
मंत्री कार्यालय के अनुसार बैठक में ई-साइकिलों की तरह साइकिलों पर जीएसटी घटाकर 5% करने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।
विज्ञप्ति में कहा गया है, “माननीय मंत्री ने पंजाब से खाद्य वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास रेफ्रिजरेशन यूनिट का संचालन शुरू करने की मांग की। सालों पहले स्थापित की गई यह यूनिट अभी तक चालू नहीं हुई है। इससे पंजाब और पड़ोसी राज्यों को भी लाभ होगा।”
मंत्री ने सीमावर्ती जिलों में रोजगार सृजन के लिए “किसान उद्यमी पहल” और कृषि आधारित एमएसएमई उद्योग के साथ-साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर विशेष प्रोत्साहन पर भी जोर दिया।
विज्ञप्ति में कहा गया है, “माननीय मंत्री ने ब्याज की कम दर, बिना किसी जमानत के ऋण और सीजीएसटी में छूट का सुझाव दिया। उन्होंने 5 एकड़ तक की भूमि वाले किसानों के लिए छूट, पंजाब के माझा, दोआबा और मालवा क्षेत्रों के लिए मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना में अनुसंधान एवं विकास के लिए विशेष पैकेज की भी मांग की।”
इसमें कहा गया, ‘‘माननीय वित्त मंत्री ने उनकी बात धैर्य से सुनी और आश्वासन दिया कि आगामी बजट में पंजाब को बहुत अच्छा प्रतिनिधित्व मिलेगा।’’