लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राज्य पक्षी सारस क्रेन की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ग्रीष्मकालीन जनगणना 20 और 21 जून को किए गए सर्वेक्षण में 19,918 सारस पक्षियों की गणना की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में उनकी संख्या में 396 की वृद्धि को दर्शाता है।
इटावा वन प्रभाग सारस क्रेन की सबसे अधिक संख्या 3,289 दर्ज की गई। इसके अतिरिक्त, दस वन प्रभागों ने सारस की आबादी 500 से अधिक होने की सूचना दी। मऊ ने एक दशक में पहली बार छह सारस क्रेन की सूचना दी। इस वर्ष की ग्रीष्मकालीन जनगणना में राज्य भर के 10,000 नागरिकों ने भाग लिया।
सारस क्रेन की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि देखी गई है, जो 2021 में 17,329 से बढ़कर 2022 में 19,188, 2023 में 19,522 और 2024 में 19,918 हो गई है। अकेले इस वर्ष, सारस की आबादी में पिछले वर्ष की तुलना में 396 की वृद्धि हुई है, जो 2021 से 2024 तक कुल 2,589 क्रेन की वृद्धि है।
उल्लेखनीय सारस गणना वाले नौ अन्य वन प्रभागों में शामिल हैं मैनपुरी (2,945), शाहजहांपुर (1,212), औरैया (1,202), कन्नौज (786), हरदोई (735), संत कबीर नगर (717), कानपुर देहात (709), गोरखपुर (675), और सिद्धार्थ नगर (673)।
27 वन प्रभागों में सारस क्रेन की संख्या 100 से 500 के बीच थी। इनमें रायबरेली में 428, सीतापुर में 427, उन्नाव में 426, बरेली में 348, सोहागी बरवा में 339, लखीमपुर में 306, बांदा में 261, बाराबंकी में 257, फिरोजाबाद में 239, दक्षिण खीरी में 209, अलीगढ़ और अमेठी में 194-194, बस्ती में 186, गौतमबुद्ध नगर में 171, मथुरा में 166, बिजनौर सामाजिक वानिकी में 143, गोंडा में 142, एटा में 138, सुल्तानपुर में 137, बहराइच में 135, फर्रुखाबाद में 134, कानपुर नगर में 133, राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य में 119, बदायूं में 116, फतेहपुर में 1 103, तथा चित्रकूट और अवध वन प्रभागों में 102-102 हैं।
इसके अलावा 31 वन प्रभाग ऐसे हैं जहां 100 से कम सारस पाए गए हैं। इनमें श्रावस्ती में 99, कासगंज में 95, पीलीभीत सामाजिक वानिकी में 94, हमीरपुर में 86, सोहेलवा में 81, अंबेडकर नगर में 80, अयोध्या में 78, हाथरस में 75, आगरा में 55, कौशांबी व उत्तरी खीरी में 54, प्रतापगढ़ में 53, मेरठ में 51, कुशीनगर में 50, बुलंदशहर में 44, मुरादाबाद में 42, कतर्नियाघाट में 36, देवरिया में 34, ललितपुर में 31, मुजफ्फरनगर में 20, महोबा, प्रयागराज व नजीबाबाद में 18-18, संभल में 12, आजमगढ़ व जौनपुर में 11-11, मऊ व रामपुर में छह-छह, उरई में चार तथा हापुड़ व पलिया-खीरी में दो-दो सारस पाए गए हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राज्य पक्षी सारस क्रेन की संख्या में वृद्धि हो रही है। 20 और 21 जून को की गई नवीनतम ग्रीष्मकालीन गणना में 19,918 सारस क्रेन गिने गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में उनकी संख्या में 396 की वृद्धि दर्शाता है।
इटावा वन प्रभाग में सारस क्रेन की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई, जो 3,289 थी। इसके अलावा, दस वन प्रभागों ने सारस की आबादी 500 से अधिक बताई। मऊ में एक दशक में पहली बार छह सारस क्रेन की रिपोर्ट की गई। इस साल की ग्रीष्मकालीन जनगणना में राज्य भर के 10,000 नागरिकों ने भाग लिया।
सारस क्रेन की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि देखी गई है, जो 2021 में 17,329 से बढ़कर 2022 में 19,188, 2023 में 19,522 और 2024 में 19,918 हो गई है। अकेले इस वर्ष, सारस की आबादी में पिछले वर्ष की तुलना में 396 की वृद्धि हुई है, जो 2021 से 2024 तक कुल 2,589 क्रेन की वृद्धि है।
उल्लेखनीय सारस गणना वाले नौ अन्य वन प्रभागों में मैनपुरी (2,945), शाहजहांपुर (1,212), औरैया (1,202), कन्नौज (786), हरदोई (735), संत कबीर नगर (717), कानपुर देहात (709), गोरखपुर (675) और सिद्धार्थ नगर (673) शामिल हैं।
27 वन प्रभागों में सारस क्रेन की संख्या 100 से 500 के बीच थी। इनमें रायबरेली में 428, सीतापुर में 427, उन्नाव में 426, बरेली में 348, सोहागी बरवा में 339, लखीमपुर में 306, बांदा में 261, बाराबंकी में 257, फिरोजाबाद में 239, दक्षिण खीरी में 209, अलीगढ़ और अमेठी में 194-194, बस्ती में 186, गौतमबुद्ध नगर में 171, मथुरा में 166, बिजनौर सामाजिक वानिकी में 143, गोंडा में 142, एटा में 138, सुल्तानपुर में 137, बहराइच में 135, फर्रुखाबाद में 134, कानपुर नगर में 133, राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य में 119, बदायूं में 116, फतेहपुर में 1 103, तथा चित्रकूट और अवध वन प्रभागों में 102-102 हैं।
इसके अलावा 31 वन प्रभाग ऐसे हैं जहां 100 से कम सारस पाए गए हैं। इनमें श्रावस्ती में 99, कासगंज में 95, पीलीभीत सामाजिक वानिकी में 94, हमीरपुर में 86, सोहेलवा में 81, अंबेडकर नगर में 80, अयोध्या में 78, हाथरस में 75, आगरा में 55, कौशांबी व उत्तरी खीरी में 54, प्रतापगढ़ में 53, मेरठ में 51, कुशीनगर में 50, बुलंदशहर में 44, मुरादाबाद में 42, कतर्नियाघाट में 36, देवरिया में 34, ललितपुर में 31, मुजफ्फरनगर में 20, महोबा, प्रयागराज व नजीबाबाद में 18-18, संभल में 12, आजमगढ़ व जौनपुर में 11-11, मऊ व रामपुर में छह-छह, उरई में चार तथा हापुड़ व पलिया-खीरी में दो-दो सारस पाए गए हैं।