आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजौरी जिले के मंजाकोट क्षेत्र के गलुथी गांव में रविवार तड़के एक संतरी चौकी पर संदिग्ध आतंकवादी हमले में एक सैनिक घायल हो गया।
यह घटना मंजाकोट के पटारा पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में 155 प्रादेशिक सेना मुख्यालय के पास सुबह 3.56 से 4.26 बजे के बीच हुई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, करीब आधे घंटे तक चली गोलीबारी के दौरान करीब 50 से 60 राउंड फायरिंग हुई। अधिकारियों ने बताया, “दोनों पक्षों के बीच करीब आधे घंटे तक चली गोलीबारी में जवान घायल हो गया, लेकिन आतंकवादी पास के जंगल में भागने में सफल रहे।”
घायल जवान को मंजाकोट के 49 आरआर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
इलाके में घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। सेना ने अभी तक इस घटना पर कोई बयान जारी नहीं किया है।
प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चला कि यह एक आतंकवादी हमला था, जिसे गेट पर मौजूद सतर्क प्रहरी ने प्रभावी ढंग से विफल कर दिया, जिससे आतंकवादी भागने पर मजबूर हो गए।
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में रविवार को हुई मुठभेड़ में छह आतंकवादियों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। सुरक्षा बलों ने दो और शव बरामद किए हैं। कुलगाम जिले के दो गांवों में शनिवार को मुठभेड़ शुरू हुई थी।
26 जून को डोडा जिले के गंडोह इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी में तीन आतंकवादी मारे गए थे।
9 जून को रियासी में हथियारबंद आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों की बस पर हमला किया था जिसमें नौ लोग मारे गए थे और 42 अन्य घायल हो गए थे। बस शिव खोरी तीर्थस्थल से कटरा लौट रही थी।
9 जून को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद ने शपथ ली थी, उसके बाद से जम्मू क्षेत्र में लगातार चार आतंकवादी हमले हुए।
रियासी, डोडा और कठुआ जिलों में हुए हमलों में नौ नागरिक और एक सीआरपीएफ जवान की मौत हो गई, जबकि सात सुरक्षाकर्मियों समेत 49 अन्य घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने कठुआ में दो आतंकवादियों को भी मार गिराया था।
11 जून को कठुआ जिले से सटे भद्रवाह के चत्तरगला इलाके में पुलिस और सेना की संयुक्त सुरक्षा चौकी पर आतंकवादियों ने हमला किया था। इस हमले में सेना के पांच जवान और एक पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे।
अगले दिन, आतंकवादियों ने डोडा जिले के गंडोह तहसील के कोटा टॉप पर एक पुलिस दल पर हमला कर हेड कांस्टेबल फरीद अहमद को घायल कर दिया।
यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल प्रशासन और सुरक्षा बलों को निर्देश दिया है कि वे आतंकवाद को रोकने के लिए कश्मीर जैसी रणनीति जम्मू क्षेत्र में भी अपनाएं।
शाह ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि कश्मीर घाटी में शून्य आतंक और क्षेत्र प्रभुत्व योजनाओं के माध्यम से प्राप्त सफलता को जम्मू क्षेत्र में भी दोहराया जाए तथा संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए।