आखरी अपडेट:
खेल महाकुम्ब: वीर वीराम देव और पर्क्रम फेस्टिवल की मौत की सालगिरह के अवसर पर जलोर में एक तीन -दिन खेल महाकुम्ब का आयोजन किया जाएगा। युवा कुश्ती, मुक्केबाजी, बास्केटबॉल, रोप कासी और सीटोलिया जैसे रोमांचक खेलों में अपना खुद का दिखाएगा …और पढ़ें

वीर वीराम देव की याद में जालोर में खेल महाकुम्ब की एक भव्य घटना …
हाइलाइट
- वीर वीराम देव की याद में खेल महाकुम्ब
- युवा कुश्ती, मुक्केबाजी, बास्केटबॉल में शक्ति दिखाएंगे
- खेलने की साइट भगत सिंह स्पोर्ट्स स्टाल, स्वर्णगिरी स्पोर्ट्स फाउंडेशन
जालौर वीर भूमि जलोर, जहां रेत में वीरता गूंज की कहानियां अब खेल के रंग में पेंट करने जा रही हैं। 3 मई से 5 मई 2025 तक, एक भव्य खेल महाकुम्ब का आयोजन वीर वीराम देव की मौत की सालगिरह पर और जलोर पर्क्रम महोत्सव के शुभ अवसर पर किया जा रहा है। यह आयोजन क्रिडा भारती जलोर के तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा, जिसमें जिले भर के युवा खिलाड़ी भाग लेंगे।
ग्रामीण खेलों से लेकर आधुनिक कार्यक्रमों तक का आयोजन
खेल महाकुम्ब का आयोजन पारंपरिक ग्रामीण खेलों से आधुनिक कार्यक्रमों में किया जाएगा। प्रतियोगिताओं में कुश्ती, मुक्केबाजी, बास्केटबॉल, रस्सी कासी और सीटोलिया जैसे दिलचस्प और उत्साहजनक खेल शामिल हैं। इन खेलों के माध्यम से, युवा अपनी ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, धैर्य और अनुशासन का प्रदर्शन करेंगे।
पारंपरिक खेलों को नई पहचान मिलेगी
इस घटना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को खेल के प्रति प्रेरित करना, स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना और जलोर की वीर परंपरा को पुनर्जीवित करना है। विशेष बात यह है कि आधुनिक और ग्रामीण खेलों को एक ही मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा, जो पारंपरिक खेलों को नई पहचान देगा और आज की पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ने में सक्षम होगी।
विभिन्न प्रतियोगिताओं को सुबह से शाम तक आयोजित किया जाएगा
कार्यक्रम का स्थल भगत सिंह क्रिडा साइट, स्वर्णगिरी स्पोर्ट्स फाउंडेशन और शाह पुजजी स्टेडियम होगा, जो इन तीन दिनों में खेल और उत्साह का केंद्र बन जाएगा। इन स्थानों पर सुबह से शाम तक विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें दर्शकों का उत्साह भी देखने लायक होगा।
जिले की खेल प्रतिभा को बेहतर बनाने का नया अवसर
वीर वीराम देव जलोर का ऐतिहासिक व्यक्तित्व है, जिसकी गाथा और अभी भी लोगों को प्रेरित कर सकती है। इस खेल के माध्यम से महाकुम्ब, जलोर अपनी स्मृति को श्रद्धांजलि देगा और आने वाली पीढ़ियों को एक संदेश देगा कि न केवल युद्ध के मैदान में दिखाया जा सकता है, खेल के मैदान में नहीं। यह घटना निश्चित रूप से जिले की खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने और उन्हें एक नई उड़ान देने के लिए काम करेगी।