
भारतीय क्रिकेट टीम
भारतीय क्रिकेट टीम चैंपियंस ट्रॉफी में इतिहास रचने की दहलीज पर है। टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी की सबसे सफल टीम बनने से सिर्फ एक जीत दूर है। अगर टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराने में कामयाब होती है, तो वह सबसे ज्यादा यानी तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतने वाली पहली टीम बन जाएगी। भारतीय टीम लगातार तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में है और इस बार टीम का लक्ष्य हर हाल में न्यूजीलैंड को फाइनल में हराकर 25 साल पुरानी हार का बदला चुकता करने का होगा। चैंपियंस ट्रॉफी 2000 के फाइनल में भारत और टीम इंडिया का आमना-सामना हुआ था। उस मैच में न्यूजीलैंड ने क्रिस क्रेन्स के शानदार शतक की बदौलत भारत को हराकर पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया था। चैंपियंस ट्रॉफी 2000 में टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली थे और टीम सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली जैसे धाकड़ खिलाड़ियों से भरी थी। आइए जानते हैं चैंपियंस ट्रॉफी 2000 का फाइनल खेलने वाले भारतीय खिलाड़ी अब कहां हैं और क्या कर रहे हैं?
चैंपियंस ट्रॉफी 2000 के फाइनल में भारत की प्लेइंग इलेवन इस प्रकार थी: सौरव गांगुली (कप्तान), राहुल द्रविड़, रॉबिन सिंह, विजय दहिया, अजीत अगरकर, युवराज सिंह, जहीर खान, अनिल कुंबले, सचिन तेंदुलकर, वेंकटेश प्रसाद और विनोद कांबली।
सौरव गांगुली
चैंपियंस ट्रॉफी 2000 में सौरव गांगुली अपनी कप्तानी में भले ही टीम इंडिया को खिताब नहीं जिता सके लेकिन 2 साल बाद ही टीम इंडिया खिताब अपने नाम करने में सफल रही है। वो अलग बात है कि फाइनल बारिश में धुलने के कारण टीम इंडिया को श्रीलंका के साथ संयुक्त विजेता घोषित किया गया। गांगुली ने साल 2008 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद BCCI का 2019 से 2022 तक अध्यक्ष पद संभाला और वर्तमान में दिल्ली कैपिटल्स के क्रिकेट निदेशक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
राहुल द्रविड़
चैंपियंस ट्रॉफी 2000 के फाइनल में राहुल द्रविड़ ने सिर्फ 22 रन बनाए थे। द्रविड़ टेस्ट और वनडे दोनों में 10 हजार से ज्यादा रन बनाने के बाद रिटायर हुए। उन्होंने भारतीय टीम के कोच के रुप में भी काम किया और T20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जिताया। फिलहाल वह इंडियन प्रीमियर लीग 2025 (IPL 2025) के लिए राजस्थान रॉयल्स (आरआर) के मुख्य कोच के रूप में काम कर रहे हैं।
रॉबिन सिंह
टीम इंडिया के बेहतरीन तेज गेंदबाज ऑलराउंडर रहे रॉबिन सिंह भी 25 साल पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल मैच का हिस्सा थे। उन्होंने 136 वनडे मैचों में 2336 रन बनाए और 69 विकेट लिए। वह वर्तमान में इंटरनेशनल लीग T20 में एमआई एमिरेट्स के मुख्य कोच की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
विजय दहिया
भारत के पूर्व विकेटकीपर विजय दहिया ने चैंपियंस ट्रॉफी 2000 के फाइनल में शिरकत की। हालांकि वह 1 रन बनाकर नाबाद लौटे। उन्होंने टीम इंडिया के लिए 19 वनडे मैच खेले और 216 रन बनाए। उन्होंने IPL 2022 और 2023 में लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) के सहायक कोच के रूप में काम किया। फिलहाल वह किसी टीम से नहीं जुड़े हैं।
अजीत अगरकर
भारत के लिए 26 टेस्ट और 191 वनडे मैचों में कुल 346 विकेट लेने वाले अजीत अगरकर वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं।
युवराज सिंह
युवराज सिंह का इंटरनेशनल डेब्यू चैंपियंस ट्रॉफी 2000 में ही हुआ था। इसके बाद वह 2007 T20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे। 2019 में क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद अब वह में इंटरनेशनल मास्टर्स लीग में इंडिया मास्टर्स के लिए खेल रहे हैं।
जहीर खान
युवराज की तरह जहीर खान का डेब्यूव भी ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2000 में हुआ और जल्द ही वह भारतीय पेस अटैक के अगुआ बन गए। वह वर्तमान में IPL में लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के मेंटर के रूप में काम कर रहे हैं।
अनिल कुंबले
चैंपियंस ट्रॉफी 2000 में अनिल कुंबले भी टीम का हिस्सा थे। उन्होंने टेस्ट और वनडे दोनों में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में संन्यास लिया और अपने क्रिकेट करियर के अंत के बाद कोचिंग में भी हाथ आजमाया। फिलहाल वह क्रिकेट स्पेशलिस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं।
सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर ने चैंपियंस ट्रॉफी 2000 के फाइनल में 69 रनों की पारी खेली थी। सचिन 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद IPL में मुंबई इंडियंस के मेंटर बने और अभी वह युवराज के साथ इंटरनेशनल मास्टर्स लीग में खेल रहे हैं।
वेंकटेश प्रसाद
वेंकटेश प्रसाद फाइनल में भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने सात ओवर में 27 रन देकर तीन विकेट चटकाए। दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के सपोर्ट स्टाफ के तौर पर काम किया और वर्तमान में टीवी चैनलों पर क्रिकेट एक्सपर्ट के रूप में काम करते हैं।
विनोद कांबली
विनोद कांबली भी इस मैच का हिस्सा रहे। उन्होंने संन्यास लेने के बाद कोच और कमेंटेटर के तौर पर काम किया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। फिलहाल कांबली स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
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