21 अगस्त, 2024 09:28 पूर्वाह्न IST
आदेश के बावजूद डब्ल्यूएफआई ने हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ के खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी: याचिका
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय कुश्ती संस्था के प्रमुख संजय कुमार सिंह को ‘आदेशों का पालन न करने’ के कारण अदालत की अवमानना का प्रथम दृष्टया ‘दोषी’ पाते हुए 28 अगस्त को तलब किया है।
विवादास्पद भाजपा नेता और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण सिंह के करीबी सहयोगी सिंह दिसंबर 2023 से डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष हैं।
उन्हें हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ (एचएडब्ल्यूए) की याचिका की कार्यवाही के दौरान उच्च न्यायालय ने तलब किया था, जिसमें संघ ने कहा था कि दो अवसरों पर अदालती आदेशों के बावजूद उससे संबद्ध खिलाड़ियों को डब्ल्यूएफआई की प्रतियोगिताओं और चयन ट्रायल में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई।
अप्रैल में, न्यायालय ने आदेश दिया था कि HAWA द्वारा प्रायोजित खिलाड़ियों को फेडरेशन कप (सीनियर्स) में भाग लेने की अनुमति दी जाए, जो उस महीने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित किया जाना था। हालांकि, उन्हें अनुमति नहीं दी गई। एसोसिएशन द्वारा उद्धृत दूसरा उदाहरण जून में झज्जर में अंडर-17 चयन शिविर के लिए आयोजित चयन ट्रायल का था। याचिकाकर्ता एसोसिएशन के वकील नरेंद्र सिंह ने न्यायालय को बताया कि यहां भी उन्हें न्यायालय के आदेश के बावजूद अनुमति नहीं दी गई।
एसोसिएशन ने मांग की थी कि डब्ल्यूएफआई द्वारा न्यायालय के आदेशों का पालन न करने के मद्देनजर डब्ल्यूएफआई के कामकाज की देखरेख के लिए एक तदर्थ समिति/प्रशासकों की संस्था/प्रशासक नियुक्त किया जाए। एसोसिएशन के वकील नरेंद्र सिंह के अनुसार, उसके खिलाड़ियों को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि दिसंबर 2023 में डब्ल्यूएफआई की निर्वाचित संस्था को केंद्र सरकार द्वारा निलंबित कर दिए जाने और भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा गठित तदर्थ समिति द्वारा डब्ल्यूएफआई का प्रशासन देखने के बाद एसोसिएशन अपने खिलाड़ियों को तदर्थ समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भेज रहा था। तदर्थ समिति के प्रशासन काल के दौरान संजय कुमार सिंह समानांतर रूप से ट्रायल और अन्य कार्यक्रम आयोजित कर रहे थे। अब जबकि तदर्थ समिति भंग हो चुकी है, डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष अवैध रूप से हरियाणा कुश्ती संघ के खिलाड़ियों को डब्ल्यूएफआई के कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति दे रहे हैं।
अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता एसोसिएशन ने यह दर्शाया है कि डब्ल्यूएफआई और उसके प्रमुख की ओर से अदालत के आदेशों की पूरी तरह से अवहेलना करने का “निरंतर प्रयास” किया जा रहा है।
न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज की पीठ ने 28 अगस्त को सुनवाई तय करते हुए कहा, “प्रथम दृष्टया उल्लिखित कारण बाद में सोचे गए हैं और इस अदालत को कुछ तथ्यों पर विश्वास दिलाने के लिए आदेश की अवहेलना करने का एक प्रयास मात्र हैं, जो इस अदालत के समक्ष रखे गए समकालीन और दस्तावेजी साक्ष्यों से पुष्ट नहीं होते हैं।”