साप्ताहिक पंचांग 26 जुलाई से 1 अगस्त 2024: शुक्र का सिंह राशि में गोचर, श्रावण सोमवार, शुभ मुहूर्त
साप्ताहिक पंचांग: 26 जुलाई से 1 अगस्त 2024
26 जुलाई – शनिवार
तिथि
शुक्ल पक्ष, षष्ठी
नक्षत्र
अश्लेषा
योग
वज्र
करण
बव
राहुकाल
11:30 AM – 01:00 PM
द्वितीया प्रहर
02:00 PM – 03:30 PM
वार
शनिवार
27 जुलाई – रविवार
तिथि
शुक्ल पक्ष, सप्तमी
नक्षत्र
मघा
योग
सिद्धि
करण
बालव
राहुकाल
01:30 PM – 03:00 PM
द्वितीया प्रहर
08:30 PM – 10:00 PM
वार
रविवार
28 जुलाई – सोमवार
तिथि
शुक्ल पक्ष, अष्टमी
नक्षत्र
पूर्वा फाल्गुनी
योग
व्यतीपात
करण
कौलव
राहुकाल
10:30 AM – 12:00 PM
द्वितीया प्रहर
05:00 PM – 06:30 PM
वार
सोमवार
29 जुलाई – मंगलवार
तिथि
शुक्ल पक्ष, नवमी
नक्षत्र
उत्तर फाल्गुनी
योग
वरीयान
करण
तैतिल
राहुकाल
09:00 AM – 10:30 AM
द्वितीया प्रहर
03:30 PM – 05:00 PM
वार
मंगलवार
30 जुलाई – बुधवार
तिथि
शुक्ल पक्ष, दशमी
नक्षत्र
हस्त
योग
पृथक्
करण
गर
राहुकाल
07:30 AM – 09:00 AM
द्वितीया प्रहर
02:00 PM – 03:30 PM
वार
बुधवार
31 जुलाई – गुरुवार
तिथि
शुक्ल पक्ष, एकादशी
नक्षत्र
चित्रा
योग
आयुष्मान
करण
वणिज
राहुकाल
06:00 AM – 07:30 AM
द्वितीया प्रहर
12:30 PM – 02:00 PM
वार
गुरुवार
1 अगस्त – शुक्रवार
तिथि
शुक्ल पक्ष, द्वादशी
नक्षत्र
स्वाती
योग
सौभाग्य
करण
बालव
राहुकाल
04:30 AM – 06:00 AM
द्वितीया प्रहर
11:00 AM – 12:30 PM
वार
शुक्रवार
इस साप्ताहिक पंचांग में हर दिन की तिथि, नक्षत्र, योग, करण, राहुकाल और द्वितीया प्रहर का विवरण दिया गया है। इन जानकारियों का उपयोग करके आप अपने दैनिक कार्यक्रम और गतिविधियों को नियोजित कर सकते हैं। साथ ही, शुभ मुहूर्त और लाभकारी समय का चयन भी कर सकते हैं।
यह सप्ताह घटनाओं से भरा हुआ है। भक्ति और आध्यात्मिकता के महीने श्रावण का दूसरा सप्ताह, खगोलीय घटनाओं और शुभ अनुष्ठानों का संगम लेकर आएगा। भगवान शिव को समर्पित दूसरा श्रावण सोमवार व्रत और देवी पार्वती को समर्पित दूसरा मंगला गौरी व्रत, अत्यंत भक्ति भाव से मनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, प्रेम और सौंदर्य का ग्रह शुक्र, सिंह राशि में गोचर करेगा, जो रिश्तों और कलात्मक प्रयासों को प्रभावित करेगा।
इस सप्ताह भूमि और वाहन की खरीद के लिए भी शुभ मुहूर्त हैं। ये खगोलीय संरेखण भक्तों और उत्साही लोगों को आशीर्वाद प्राप्त करने, महत्वपूर्ण खरीदारी करने और नई शुरुआत करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं। आइए नई दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, भारत के लिए इस सप्ताह के पंचांग को विस्तार से देखें।
इस सप्ताह शुभ मुहूर्त
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यदि कोई कार्य शुभ मुहूर्त में किया जाए तो उसके सफलतापूर्वक संपन्न होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। विभिन्न गतिविधियों के लिए इस सप्ताह का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
- विवाह मुहूर्तइस सप्ताह कोई भी शुभ विवाह मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
- गृह प्रवेश मुहूर्त: इस सप्ताह कोई शुभ गृह प्रवेश मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
- संपत्ति खरीद मुहूर्तइस सप्ताह 26 जुलाई, शुक्रवार (दोपहर 02:30 बजे से सुबह 05:40 बजे, 27 जुलाई) और 1 अगस्त, गुरुवार (सुबह 05:43 बजे से सुबह 10:24 बजे) को शुभ संपत्ति खरीद मुहूर्त उपलब्ध है।
- वाहन खरीद मुहूर्त: इस सप्ताह 26 जुलाई, शुक्रवार (दोपहर 02:30 बजे से रात्रि 11:30 बजे तक) और 31 जुलाई, बुधवार (सुबह 05:42 बजे से दोपहर 03:55 बजे तक) को शुभ मुहूर्त उपलब्ध है।
इस सप्ताह आने वाले ग्रह गोचर
वैदिक ज्योतिष में, ग्रहों का गोचर विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वे जीवन में होने वाले परिवर्तनों और प्रगति का पूर्वानुमान लगाने का मुख्य तरीका होते हैं। ग्रह प्रतिदिन चलते हैं और इस प्रक्रिया में कई नक्षत्रों और राशियों से गुजरते हैं। यह घटनाओं के घटित होने के समय उनकी प्रकृति और विशेषताओं को समझने में सहायता करता है। इस सप्ताह आने वाले गोचर इस प्रकार हैं:
- 26 जुलाई (शुक्रवार) को सुबह 07:56 बजे सूर्य और मंगल अर्ध-षष्ठक (60 डिग्री के कोण पर) में होंगे।
- 27 जुलाई (शनिवार) को सुबह 04:52 बजे मंगल रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा
- 27 जुलाई (शनिवार) को सुबह 05:35 बजे शुक्र और शनि 150 डिग्री के कोण पर होंगे
- बृहस्पति 31 जुलाई (बुधवार) को प्रातः 03:37 बजे रोहिणी पद में गोचर करेगा।
- शुक्र 31 जुलाई (बुधवार) को दोपहर 02:40 बजे सिंह राशि में गोचर करेगा।
इस सप्ताह आने वाले त्यौहार
- कालाष्टमी (27 जुलाई, शनिवार): कालाष्टमी को भगवान भैरव की पूजा के लिए शुभ दिन माना जाता है। यह भगवान की कृपा पाने और शुद्धिकरण के लिए एक महान दिन है।
- दूसरा श्रावण सोमवार व्रत (29 जुलाई, सोमवार): दूसरा श्रावण सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस सोमवार को व्रत रखना और अनुष्ठान करना शुभ होता है। श्रद्धालु भजन गाते हैं, प्रार्थना करते हैं और समृद्ध जीवन के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए देवता के सामने झुकते हैं।
- दूसरा मंगला गौरी व्रत (30 जुलाई, मंगलवार): दूसरा मंगला गौरी व्रत 30 जुलाई 2024 को है, जिसे देवी पार्वती का व्रत भी कहा जाता है। विवाहित महिलाएं सुखी और समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखती हैं। वे अपने पतियों के जीवन की रक्षा और लंबी उम्र के लिए नृत्य करती हैं, प्रार्थना करती हैं और भजन या मंत्र गाती हैं।
- रोहिणी व्रत (31 जुलाई, बुधवार): रोहिणी व्रत महिलाओं का एक लोकप्रिय त्यौहार है जो देवी रोहिणी को प्रसन्न करने के लिए मनाया जाता है। यह व्रत शांति, समृद्धि और खुशी लाता है। लोग रोहिणी नक्षत्र खत्म होने तक कुछ नहीं खाते हैं, और वे अपने परिवार के कल्याण और आध्यात्मिक स्थिति प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं और विभिन्न अनुष्ठान करते हैं।
- कामिका एकादशी (31 जुलाई, बुधवार): कामिका एकादशी व्रत भगवान विष्णु के भक्तों के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक है। माना जाता है कि इस पवित्र दिन पर व्रत रखने, प्रार्थना करने और अनुष्ठान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। यह एक ऐसा समय है जब लोग प्रार्थना करते हैं, पूजा करते हैं और एक धार्मिक जीवन जीने का तरीका खोजते हैं।
इस सप्ताह अशुभ राहु काल
वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु एक अशुभ ग्रह है। ग्रहों के परिवर्तन के दौरान राहु के प्रभाव वाले समय में कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। इस समय शुभ ग्रहों की शांति के लिए पूजा, हवन या यज्ञ करने से राहु के अशुभ स्वभाव के कारण बाधा उत्पन्न होती है। कोई भी नया काम शुरू करने से पहले राहु काल पर विचार करना जरूरी है। ऐसा करने से मनचाहा फल मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इस सप्ताह के लिए राहु काल का समय इस प्रकार है:
- 26 जुलाई: सुबह 10:45 से दोपहर 12:27 तक
- 27 जुलाई: 09:04 पूर्वाह्न से 10:46 पूर्वाह्न तक
- 28 जुलाई: 05:33 अपराह्न से 07:14 अपराह्न तक
- 29 जुलाई: 07:23 पूर्वाह्न से 09:04 पूर्वाह्न तक
- 30 जुलाई: दोपहर 03:50 बजे से शाम 05:32 बजे तक
- 31 जुलाई: दोपहर 12:27 बजे से दोपहर 02:09 बजे तक
- 01 अगस्त: 02:08 अपराह्न से 03:50 अपराह्न तक
पंचांग वैदिक ज्योतिष में प्रचलित ग्रहों की स्थिति के आधार पर दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करने के लिए शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक कैलेंडर है। इसमें पाँच तत्व शामिल हैं – वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण। पंचांग का सार दैनिक आधार पर सूर्य (हमारी आत्मा) और चंद्रमा (मन) के बीच का अंतर-संबंध है। पंचांग का उपयोग वैदिक ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं जैसे जन्म, चुनाव, प्रश्न (होररी), धार्मिक कैलेंडर और दिन की ऊर्जा को समझने के लिए किया जाता है।
हमारे जन्म के दिन का पंचांग हमारी भावनाओं, स्वभाव और प्रकृति को दर्शाता है। यह इस बारे में अधिक जानकारी प्रदान कर सकता है कि हम कौन हैं और हम कैसा महसूस करते हैं। यह ग्रहों के प्रभाव को बढ़ा सकता है और हमें अतिरिक्त विशेषताएँ प्रदान कर सकता है जिन्हें हम केवल अपनी जन्म कुंडली के आधार पर नहीं समझ सकते हैं। पंचांग जीवन शक्ति ऊर्जा है जो जन्म कुंडली को पोषण देती है।
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नीरज धनखेड़
(वैदिक ज्योतिषी, संस्थापक – एस्ट्रो जिंदगी)
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संपर्क: नोएडा: +919910094779